'ठंडा गोश्त' की तस्वीर भेजी थी उसने

'ठंडा गोश्त' की तस्वीर भेजी थी उसने.
पलट कर पूछा मैंने कि अचानक आज तुझे मंटो याद क्यों आया?
उत्तर में उसने फिर सवाल कर लिया.... भीड़ का जेंडर पता है तुम्हें??
मैं उसका भाव समझ चुका था.... कल शहर में फिर किसी भीड़ ने एक औरत का जिस्म नोचा था.
सो धीमे स्वर में कहने की कोशिश किया.... जो हुआ है वह एक गंभीर अपराध है... सरकार की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए.
वह चीख़ उठी.....इस भीड़ को सरकार ने हीं जन्म दिया है.
जो हुआ है महज़ अपराध नहीं है... और जो है उसे बयां करने के लिए इस दुनिया में कोई शब्द नहीं है. क्योंकि इस दुनिया के सारे शब्दकोश मर्दों ने बनाए हैं.
मैं सन्न रह गया
वह बोलती रही... एक दिन मरने से पहले हर औरत खुद को दफ़न करेगी. क्योंकि इस दुनिया में औरतों के जनाजे़ महफ़ूज़ नहीं है...

....आदर्श

#Manipur 

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