व्यंग्य और Digital meme में फर्क समझना जरूरी है

व्यंग्य और Digital meme में फर्क समझना जरूरी है. सत्ता के बेतुके और तानाशाही कानून बनाने पर समाज उसे Digitally celebrate कर रहा है. Digital meme सत्ता पोषित ऐसे हथियार का नाम है, जो हमारे दिमाग के तार्किक क्षमता को Bypass करते हुए सरकार द्वारा किये गये किसी भी बेतुके बदलाव को स्वीकार करवा रहा है. हाल हीं में केंद्र सरकार द्वारा ट्रैफिक चलान (कानून) में किये गये बदलाव का इस कदर Digital Celebration इस कानून के स्वीकृति का एक उदाहरण है. कानून और सजा अपने सीमाओं से भटकते हीं अपने Vision/Mission से कोशों दूर हो जाते हैं. “अपराध minus सजा is equal to ZERO (अपराध – सजा = 0 ) ” कभी नहीं हो सकता है. हाल में ट्रैफीक कानून में जो कुछ हुआ है वो एक ‘सजा’ है ‘समाधान’ नहीं. Facebook WhatsAap के Digital meme से बाहर आईए बात समझ में आएगी.

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