जब सड़कें सूनी होती हैं तो संसद आवारा हो जाती है.

 लगभग साल भर पहले यह पोस्ट लिखा था. पर आज "आभार" कहने से पहले तमाम आपमानों और गालियों से गुज़रे इस आंदोलन में उन 700 से ज्यादा किसानों को याद करना जरूरी है, जो इन काले कानूनों के खिलाफ लड़ते हुए शहीद हो गए.


सनद रहे, यह कोई आखिरी पड़ाव नहीं है आगे भी जब-जब आप 'सरकार' से सवाल करेंगे, तब-तब आपको 'थार' से कुचलने का प्रयास किया जाएगा.

लोहिया जी ने कहा था,
"जब सड़कें सूनी होती हैं तो संसद आवारा हो जाती है".
Posted on- 19 November 2021

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